शक्ति स्वरूप हनुमानजी हुँकार उठे - जय श्री राम ! एक छलाँग में ही वे सागर पार कर गये । लंका में सीताजी की खोज करते समय उन्होंने एक सुंदर मन्दिर देखा जिसपर राम नाम अंकित था । जहाँ राम धुन गूँज रही थी । राम राम राम !
राम राम, राम राम,
राम राम, राम राम,
राम राम बोलो |
राम राम, राम राम,
राम राम बोलो |
राम राम, राम राम |
राम सुमिर पल भर में
भव के बंध खोलो |
राम राम, राम राम,
राम राम, राम राम,
राम राम बोलो |
राम राम, राम राम |
भाई नाहिं बन्धु नाहिं ,
अपनो कोई मीत नाहिं |
लंक कीच बीच परो ,
राम तेरो चेरो ,
राम तेरो चेरो |
राम राम, राम राम,
राम राम, राम राम,
राम राम बोलो |
विभीषण की सहायता से, हनुमानजी ने माँ सीता के दर्शन किये । उन्हें श्री राम का संदेश दिया, उनका धीरज बँधाया |
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© श्री राम गीत गुंजन
Shri Ram Geet Gunjan
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